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उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से जाली नोटों के कारोबार का एक मामला प्रकाश में आया है। Bahraich

* बहराइच* उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से जाली नोटों के कारोबार का एक मामला प्रकाश में आया है। 
जिसमें बकरा खरीदने वाले व्यक्ति ने एक महिला को 5_5 सौ के 18 नोट देकर चला गया जो सभी नोट नकली बताए जा रहे हैं। इन जाली नोटों की जानकारी महिला को तब होती है जब वह उन रुपयों को अपने हाथ में लेकर गिनना शुरू करती है। इसी दौरान उस महिला को रुपए के नकली होने का शक होता है और वह महिला गांव के कई लोगों को अपने पास बुलाती है और उस नोट को दिखाते हुए असली और नकली पहचान करने की बात कहती हैं। गांव के इकट्ठा हुए कई ग्रामीण जब तक उन नकली पांच 500 के नोट की पहचान कर पाते तब तक बकरा खरीददार बकरे को अपनी गाड़ी पर लादकर मौके से फरार हो जाता है। गांव के कई लोग मोटरसाइकिल से उस गाड़ी का पीछा करते हैं, कई किलोमीटर तक गांव के चारों तरफ अपनी गाड़ियां दौड़ते हैं लेकिन जाली नोटों का कारोबार करने वाले इतने शातिर थे कि वह न जाने कहां और किस रास्ते से गायब हो जाते हैं,लोग काफी खोजबीन करते रहे लेकिन उनका कहीं से पता नहीं चल पाता है। अब इस मामले से इलाके के अन्य लोग भी खौफ जदा हैं कि ना जाने कौन सा व्यापारी इसी तरह का हम लोगों को जाली नोट थमा कर चला जाए। हालांकि पीड़ित महिला ने एक अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध स्थानीय थाने पर लिखित तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की है।
बहराइच जिले के रिसिया थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत अचरोरा की रहने वाली 45 वर्षीय सैलून पत्नी कलीम अपने भरण पोषण के लिए कई बकरियां पाल रखी थी जिनमें से उसके पास कई बकरे मौजूद थे। पैसे की जरूरत थी इसलिए वह महिला एक बकरा बेचना चाहती थी, बकरा की खरीदारी करने के लिए अक्सर ग्रामीण क्षेत्र के गांव में कुछ बकरा बकरी खरीदने वाले लोग घूमते रहते हैं। जो लोगों के घरों पर जाकर उनके घरों से बकरी और बकरे की खरीद फरोख्त करते हैं।

21 मार्च को अचरौरा की रहने वाली महिला अपनी बकरियों को खेत में चराने जाती है तभी वहां एक व्यक्ति मोटरसाइकिल से बकरा खरीदने पहुंच जाता है और बकरे के कीमत को लेकर दोनों मैं बातचीत शुरू होती है। आखिरकार बकरा बेचने वाली महिला और बकरा खरीदार के बीच बकरे की कीमत 9100 रुपए में तय हो जाता है।
बकरा खरीददार और उस महिला के बीच रूपयों का लेनदेन शुरू होता है, बकरा खरीददार ने बकरा खरीदने के एवज में उस महिला को सभी पांच 5 सौ के 18 व एक 200 रुपए का नोट देता है और बकरे को अपनी गाड़ी पर लाद लेता है। इसी दौरान महिला को उन नोटों को गिनती करते समय नकली होने का शक होता है और गांव के कुछ लोगों को वह महिला अपने पास बुलाती है और कहती है कि देखो यह जो नोट हैं ए मुझे जाली नोट लग रहे हैं, महिला की इस बात को सुनकर गांव के कई लोग इकट्ठा हो जाते हैं और उन नोटों की पहचान करने में जुट जाते हैं। इसी दौरान मौका पाकर बकरा खरीददार अपनी गाड़ी पर बकरे को लाद कर रफू चक्कर हो जाता हैं और महिला चिखती चिल्लाती रह जाती है।,,,*बाईट महिला की* 

गांव के कई लोग जब उस जाली नोट को देखकर पहचान कर लेते हैं तो तत्काल उस बकरा खरीददार की गाड़ी का पीछा करते हैं। लेकिन  काफी दूर तक इधर-उधर देखने के बाद भी वह बकरा खरीददार कहीं दिखाई नहीं देता हैं जिससे सभी लोग मायूस होकर वापस लौट आते हैं। अब गांव वालों को ऐसे जाली नोटों के कारोबार करने वालों का डर सताने लगा है कि अगर यह जाली नोट का काम करने वाले लोग सक्रिय रहे तो न जाने कितने ग्रामीण इनके जालसाजी का शिकार हो जाएंगे,,,,*बाईट गाड़ी का पीछा करने वालों की*

*क्या कहते हैं ग्रामीण,,,*

इस नकली रुपए की बात पूरे इलाके में आग की तरह फैल जाती है और सभी लोग तरह-तरह की बातें करने लगते हैं ग्रामीणों को अब इस बात का भी आशंका सता रहा है कि कहीं हम  लोग भी ऐसे मामले के शिकार ना हो जाए, इसीलिए अब गांव के लोग भी एक दूसरे को जाली नोट पहचानने के लिए कई जानकारियां दे रहे हैं जिससे कि ग्रामीण इलाके के सीधे-साधे लोग भी नकली और असली नोट की पहचान कर सके और ऐसे जालसाजों से निपटाने का तरीका जान सके जिससे आने वाले समय में उन्हें नुकसान ना उठाना पड़े। *बाईट ग्रामीणों की,,*





*कैसे करें जाली नोटों की पहचान, सबसे आसान तरीका*
अभी तक जाली नोटों की पहचान करने के जो तरीके हैं उन जानकारी से लोग काफी अनजान हैं। उन्हें यह पता नहीं चल पाता है कि इन नोटों में कौन सा नोट असली है और कौन सा नकली। कुछ जानकार बताते हैं कि असली और नकली नोटों के अंदर कई पहचान छुपी होती है जिससे अगर इंसान बारीकी से देखे तो वह आसानी से असली और नकली नोटों की पहचान कर सकता है, लेकिन नकली नोटों की पहचान करने का सबसे आसान तरीका यह बताया जाता है सभी नकली नोटों में छपे सीरियल नंबर एक जैसे होते हैं और जो ओरिजिनल यानी असली नोट होते है उनमें सभी नोटों के सीरियल नंबर अलग-अलग होते हैं, लेकिन जो जाली नोट होते हैं उन सभी नोटों पर एक ही नंबर छपा होता है जिससे हर पढ़ा लिखा व्यक्ति आसानी से उस नंबर को देखकर समझ सकता है कि यह नोट असली है या नकली। 

 *जाली नोटों का यह कोई पहला मामला नहीं है*

जाली नोटों के प्रचलन का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी पुलिस ने ऐसे कई जाली नोटों के कारोबार करने वाले दर्जनों लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पुलिस लगातार ऐसे जाली नोटों का कारोबार करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए हमेशा सतर्क रहती है। इसके बावजूद भी यह जाली नोटों का कारोबार करने वाले लोग इतने शातिर होते हैं कि हमेशा अलग-अलग तरीके अपना कर लोगों को जाली नोट देकर रफू चक्कर हो जाते हैं,और जाली नोटों के सहारे तमाम ग्रामीण क्षेत्र के सीधे-साधे महिला व पुरुषों को लूट लेते हैं।
रिपोर्ट लड्डन खान बहराइच से
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