*जनपद अमेठी*
*जनपद अमेठी में पत्रकार को सच्चाई दिखाना पड़ा महंगा गौशाला की अव्यवस्थाओं और गौवंशों की दुर्दशा की खबर प्रकाशित करना दो पत्रकारों को महंगा पड़ गया*
अमेठी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि पत्रकारों को उनकी जिम्मेदारियों के निर्वहन में सहयोग दिया जाए और किसी भी प्रकार की फर्जी एफआईआर से नहीं प्रताड़ित किया जाए। इसके बावजूद अमेठी जनपद में गौशाला की अव्यवस्थाओं और गौवंशों की दुर्दशा की खबर प्रकाशित करना दो पत्रकारों को महंगा पड़ गया।
मिली जानकारी के अनुसार, शुकुल बाजार विकासखंड के जलाली बलापुर स्थित अस्थाई गौशाला में अव्यवस्थाओं को लेकर खबर प्रकाशित करने के बाद स्वतंत्र एकता समाचार और पत्रकारिता शिक्षा ट्रस्ट से जुड़े पत्रकार दीपक पाठक तथा स्वतंत्र प्रभात हिंदी दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार सुशील कुमार मिश्रा पर एससी-एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
क्या है पूरा मामला? बताया जा रहा है कि दोनों पत्रकारों ने 3 फरवरी 2025 को गौशाला का जायजा लिया था, जहां गौवंशों की दुर्दशा और अव्यवस्थाओं को रिकॉर्ड कर खबर चलाई गई। खबर वायरल होते ही 4 फरवरी को खंड विकास अधिकारी द्वारा ट्विटर पर रिपोर्ट दर्ज की गई, जिसमें कहीं भी केयरटेकर से दुर्व्यवहार का जिक्र नहीं था।
पत्रकारों का आरोप है कि खबर हटाने का दबाव बनाया गया, जिसका ऑडियो प्रमाण भी उनके पास मौजूद है। खबर न हटाने पर 6 फरवरी को गौशाला की केयरटेकर की ओर से जातिसूचक शब्दों के प्रयोग और दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई।
पत्रकारों ने इसे पूरी तरह फर्जी और खबर को दबाने की साजिश बताया है। उनका कहना है कि खबर हटवाने की कोशिश असफल रहने पर उन पर दबाव बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
पत्रकार संगठनों ने की निष्पक्ष जांच की मांग घटना को लेकर स्थानीय पत्रकार संगठनों ने रोष व्यक्त किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
*हिमांशु मिश्रा न्यूज11टीवी ब्यूरो चीफ अमेठी*